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लत है तू | Lat Hai Tu | Author - Word'S Angel

लत है तू

   रात का वक्त,,,,

         रघुवंशी निवास,,,

         

         रघुवंशी निवास,,घर इतना भी बड़ा नही था।बस एक मिडिल क्लास फैमिली का घर कैसा होता है बिल्कुल वैसा ही था।

         

           आज इस घर में खुशियों का माहौल था होता भी क्यों नही,इस वक्त वहा शादी होने वाला था। रघुवंशी फैमिली की बड़ी बेटी रूह उर्फ रुहानी रघुवंशी की शादी थी।

    रुहानी का रूम ,

    

       

            रुहानी इस वक्त, ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई थी।उसके चेहरे पर इस वक्त खुशी का नहीं सिर्फ डर का भाव था।और उसकी दोनो हाथ आपस में ही उलझे हुए थे।

            

        शादी की जोड़े में वह बेहद खूबसूरत लग रही थी।उसकी गोरा सा बदन उस लाइट पिंक कलर लहंगे में बेहद झज रहा था 

         तभी अचानक से वहा की लाइट्स ऑफ हो जाती है।तो रुहानी उठ कर इधर उधर देखने लगती है।उसे उस अंधेरों से डर लग रहा था।

         

    " काका,,,,,!! लाइट्स आने तक जेनरेटर जला दो। " बाहर, ऋषब रघुवंशी, जो रुहानी की पापा थे वह अपने एक रिश्तेदार को आवाज देते हुए कहते है।

  

  

     रूम में,रुहानी ऋषभ की आवाज सुन कर थोड़ा शांत हुई।वह अभी शांत हुई ही थी की तभी उसे वहां किसी की तेज तेज़ सांसे लेने की आवाज सुनने लगी तो रुहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।वह फिर अपना मोबाइल डूंडने लगती है क्यों कि लाइट्स ऑफ थे और वह मोबाइल का टार्च ऑन करना चाहती थी।

    रूहानी बस अपना हाथ ही इधर उधर कर मोबाइल डूंड रही थी।की तभी उसका एक हाथ कोई कसके पकड़ लेता है।

      किसी का इस तरह हाथ पकड़ने से रुहानी हैरानी से मिरर में अपने पीछे खड़े हुए इंसान को देखने लगती है। चांद की हल्की सी रोशनी किड़की से हो कर उस रूम में पड़ रही थी।

      

      

      रुहानी के पीछे इस वक्त एक 28 साल का लड़का खड़ा था।और इस वक्त वह हद से ज्यादा हाफते हुए सांसे ले रहा था।उसके चेहरे से ले कर उसका पूरा शरीर इस वक्त पसीने से भीग चुका था।और वह हाफ रहा था।

      

      उसका पहने हुए व्हाइट शर्ट उसकी पसीने से भीग कर उसकी बदन में ही चिपका हुआ था।वह तेज़ तेज़ सांसे लेते हुए रुहानी को ऊपर से नीचे तक देख रहा था।और उसकी दोनो हाथ हल्के से कांप रहे थे।वह बहुत ही बेचैन सा लग रहा था।

      

     वह झट से रुहानी के करीब जा कर उसे पीछे से ही अपने बाहों में भर कर अपने आप से सटा कर ,एक ही झटके में दीवार को लगा देता है।

         "   अअह्ह्हह्ह ,रिहांश ! "

         

        उस लड़के का नाम रिहांश आर्यन था।जो इस वक्त रुहानी को दीवार को लगा कर पुश कर रहा था।वह पूरी तरह उससे चिपका हुआ था।और उसका एक हाथ रुहानी की हाथ में था जिसे वह दीवार को लगा कर दबा रहा था।

    और उसका दूसरा हाथ रूहानी को झकड़ कर पकड़ा लिया था।वह उसे ऐसे पकड़ा था जिससे रुहानी दीवार और उसके बीच में दब चुकी थी।

     उस रूम में उसीके तेज सांसे चलने की आवाज गूंज रही थी।और उसकी होंठ लगा दार रुहानी की चेहरे पर चलते हुए उसकी गर्दन तक हिल रही थी।उसकी जिस्म जो पसीने से भीगा था अब रूहानी से चिपकने से रुहानी भी उसकी पसीने में भीग रही थी।

     

     रिहांश,उसे इस वक्त बुरी तरह किस करते हुए अपने आप से सटा रहा था।उसकी बेचैन दिल उसे और कसके पकड़ कर किस करने का कर रहा था। 

     

   वही रुहानी उसकी इस मूव से बिल्कुल शॉक में आ गई थी।उसे कुछ भी रिएक्ट करने का मौका ही नही मिल रहा था।

     वही रिहांश,उसकी डोरी खोल कर अपना होंठ किसी प्यासे के तरह उसके बदन में घुमाने लगता है।उसका बर्ताव किसी जानवर से कम नहीं लग रहा था।

       " उम्म्मम्म,अअह्ह्ह्ह री,,,रिहा,,,,,रिहांश !!! "

       

       रिहांश की हरकत से रुहानी की मु से एक शब्द भी नहीं निकल रही थी।वही रिहांश उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए अब उसके चेहरे पर किस करने लगा था।

       

     " रिहांश छोड़ो मुझे ,,,यह क्या बदतमीजी है। " रुहानी उसे खुद से दूर करने की ना काम कोशिश करते हुए कहती है।लेकिन रिहांश तो कही होश में ही नही लग रहा था।

     

    वह बिना रुके अपनी बढ़ी हुई तेज़ सांसों को उसे चूमते हुए नॉर्मल कर रहा था।बेचैनी से उसकी जो हालात खराब थी वह रूहानी की मिलते ही चैन की सांसे ले रही थी।

     रिहांश,फिर रुहानी को झट से अपने तरफ कर उसे और दीवार के तरफ पुश करते हुए उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करने लगता है।

         रूहानी का एक हाथ अभी भी रिहांश के हाथ में फसी हुई थी जिसे वह अभी भी दीवार को लगा कर दबा रहा था।

       रूहानी बस एक हाथ से ही उसे अपने आप से दूर कर रही थी।उसका पूरा शरीर उससे इस तरह चिपका हुआ था जैसे कोई उन्हें गोंद से चिपका दिया हो।

       

       

       रुहानी की आंखों में आसूं भर गए थे।अंधेरे में उसके साथ क्या हो रहा था उसे समझ नही आ रहा था।रिहांश जैसे जैसे उसे किस कर रहा था वैसे वैसे शांत भी हो रहा था।

       

    वही रुहानी रोते हुए उसे खुद से अलग करने की ना काम कोशिश करते हुए कहती है,

      " रिहांश छोड़दो,,मुझे अअह्ह्ह्ह!!! "

       रुहानी कुछ कहती उससे पहले ही रिहांश उसके होंठो को अपने दांतों की बीच में दबा कर उसे चूसने लगता है।उसका हाथ बेहद हार्षली उसके बदन में चल रही थी।जिससे रूहानी की तेज सांसे निकलने लगी थी।

   

        वही रिहांश उसके होंठो को छोड़ कर बिना रुके उसके चेहरे पर किस करने लगता है।उसकी किस में कोई प्यार नजर नहीं आ रहा था।

         वह किसी भूखे शेर की तरह उसके ऊपर झपट्टा मार चुका था। रुहानी की धड़कने तेज हो गई थी। रिहांश उसे बेतहाश चूमते हुए अपने आपको शांत कर रहा था।

         

    वह एक बार फिर उसके होंठो पर अपना होंठ रख कर इधर से उधर चलाते हुए उससे कहता है,

    " प्यार होता तो छोड़ देता रूह,तुम लत हो नही छोड़ सकता। "

    

   रिहांश इतना बोल कर उसकी होंठो को फिर से अपने मु में भर कर बुरी तरह किस करने लगता है।

    "   दीदू,,,, रूह दीदू,,,,,,!!! " अचानक से वह दो लड़कियों की एक साथ आवाज आई तो रुहानी हैरानी से डोर के तरफ देखने लगती है।तभी वह लाइट्स ऑन हो जाते है।

    

     वह दोनो लड़किया रूहानी की छोटी बहने थे। उनमें से एक लड़की जिसका नाम था नित्या,वह आगे आ कर रुहानी को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहती है,

         " दिदू,,,,आप इतना कांप क्यों रही है और आपका पूरा बदन पसीना पसीना क्यों हुआ है। "

     नित्या,की बात सुन कर रूहानी खुद को देखती है।वह पूरी तरह से पसीने से लथपथ हुई थी।और वह जोर जोर से सांसें भी ले रही थी।

     

   " दिदू,,,आप इधर आइए !!! " रूहानी की दूसरी बहन विधि, रुहानी को मिरर के सामने खड़े कर उसकी डोरी बांधने लगती है।

       वही रूहानी अपना माथे पर हाथ रख कर आस पास देखते हुए गहरी सांसे लेने लगती है।

    नीचे हाल में ,,,,

     हाल में ही इस वक्त मंडप को सजाया गया था।और मंडप में इस वक्त एक 25 साल का लड़का बैठा हुआ था।जो दुलहे की जोड़े में था।वह अपने सामने बैठे हुए पंडित की बात सुनते हुए शादी की रस्में निभा रहा था।

     

     तभी पंडित,वही खड़े हुए रुहानी की पापा, ऋषब रघुवंशी को देख कहता है,

     " कन्या को बुलाइए। "

      पंडित की बात सुन कर ऋषभ हा में सर हिला कर,अपनी पत्नी प्रीति को कहता है,

       " प्रीति जी,,जा कर रूह को बुला लाओ।"

       

      प्रीति रुहानी को बुलाने जैसे ही जाने लगी की तभी रुहानी नित्या और विधि के साथ आते हुए नजर आई।

   

    वही नित्या,दूल्हे को देखते हुए रुहानी से कहती है,

        "दिदू,,विशाल जीजू तो आपसे भी ज्यादा सुंदर लग रहे है !!! "

     विशाल,, उस मंडप में बैठे हुए लड़के का नाम था।जो एक डॉक्टर था।रूहानी के साथ ही उसका डॉक्टर कोर्स कंप्लीट हुआ था।

     

  

        वही रुहानी जो अब गुंगट में थी।उसकी चेहरे पर अजीब सा डर का भाव अभी भी था।ऐसा नहीं था की वह इस शादी से खुश नहीं है।शादी उसकी मर्जी से ही हो रही थी।

      रूहानी की दोनो हाथ आपस में ही उलझ गए थे।वह थोड़ा टेंशन में थी।तभी विधि उससे कहती है,

      " दिदू,,,आप इतना नर्वस क्यों हो रही है ? वैसे भी शादी के बाद ही सुहागरात होगा आप पहले ही नर्वस कैसे हो सकते है ,,,!! "

      

   विधि इतना बोल के हंसने लगी तो रुहानी उसे ही आंखे छोटी कर घूरने लगती है।

   

      फिर रुहानी, बिना कुछ कहे एक नजर मैन डोर की तरफ देख के जा कर विशाल की बगल में बैठने लगी।वह अभी बैठ ही रही थी की तभी वह गन शूट होने की आवाज सुनने लगी।

      

    गन की आवाज सुन कर सबकी नज़र अब बाहर की तरफ गई थी।वही रुहानी की चेहरे का रंग उड़ गया था।

      ऋषभ और प्रीति भी मैन डोर के तरफ हैरानी से देखने लगे थे।

      

          सामने इस वक्त 28 साल का रिहांश आर्यन खड़ा था।रिहांश इस वक्त बुरी तरह हाफ रहा था।उसकी सांसे एक दम से तेज हो गई थी।और उसकी गहरी काली आंखे इस वक्त लाल रंगत में बदल गई थी।और उसकी नजर गुंगट में ही खड़ी हुई रुहानी के ऊपर था।

          

          

      रिहांश की दोनो हाथ हल्के से कांप रहे थे।वह पूरी तरह पसीने से इस वक्त भीगा हुआ था।उसे देख ऐसा लग रहा था की वह बिलकुल शांत नही है लेकिन फिर भी खुद को वह मुश्किल से खड़ा किया था।

     रिहांश को देख रुहानी को डर लग रहा था।उसकी दोनो हाथ उसकी लहंगे में ही कस गई थी।

     

        वही रिहांश की चेहरे पर रुहानी को देख अजीब सा भाव आ गया था।उसकी होंठ पर बार बार उसकी जिब चल रही थी।धीरे धीरे उसके चेहरे पर उस लड़की को देख कर नशा चढ़ रहा था।उसकी एक कांपती हाथ में गन था जिसे वह गोल गोल घुमा रहा था।और उसका दूसरा हाथ उसकी गर्दन में था जिसे वह बूरी तरफ मसलते हुए खड़ा था।

      

   वही रुहानी अपना गुंगट हटा कर डरते हुए उसी को देखने लगती है।

       वही ,विशाल भी उठ कर रिहांश को ही देख रहा था।वह थोड़ा झुक कर रुहानी की कान में बोला,

         " यह कोन है ? "

   विशाल को रुहानी की इतना करीब झुकता देख रिहांश का चेहरा गुस्से से भर गया,गुस्से से उसकी माथे पे नसे उभर आए थे।वह बिना देरी किए ही रुहानी के तरफ बढ़ने लगा तो ऋषभ उसके सामने खड़े हो कर उससे कहता है,

      " कोन हो तुम ? इस तरह आ कर तमाशा क्यों कर रहे हो ? "

      

        रिहांश का कंट्रोल अपने ऊपर लॉस हो रहा था।उसे अपनी तेज चल रही सांसों को नॉर्मल करना था।उसकी बेचैन दिल को रुहानी को गले लग कर शांत करना था।रिहांश गुस्से से ऋषभ की माथे पर गन तान कर बेहद गुस्से से चिल्लाता है,

        " Come to me रूह !!! "

        

   रिहांश का जो हाल था वह देख सारे लोग डर गए थे।वही ऋषभ अपने जगह में ही जम गया था।रिहांश को इस तरह अपने पापा के माथे पर गन थाना हुआ देख कर रुहानी,की सांसे ही अटक गई थी।

    वही रिहांश की बॉडीगार्ड्स घर में घुस कर सब जगह फेल गए थे।

    

   "   पापा ,,,,!!! "

   

   

   रुहानी बिना देर किए ही भाग कर ऋषभ के पास जाती उससे पहले ही रिहांश उसे एक ही झटके में अपने तरफ खींच कर अपने मजबूत बाहों में भर लेता है।

   

        वही रिहांश को इस तरह रूहानी को अपने तरफ खिंचता देख ऋषभ जैसे ही रुहानी की तरफ बढ़ता उससे पहले ही रिहांश का बॉडीगार्ड आ कर ऋषभ को रिहांश और रूहानी से दूर हटा कर खड़ा कर देता है।

        

      वही रिहांश कसके रुहानी को अपने आप से सटा कर उसके गर्दन में चेहरा छुपा कर उसे किस करने लगा था।उसके एक हाथ रुहानी की पीठ पर बेहद रफली चल रही थी।

       रुहानी रोते हुए उससे अलग होने की कोशिश कर रही थी।लेकिन वह अलग नही हो पा रही थी।

   " कोन हो तुम ? छोड़ो मेरी बेटी को ? " ऋषभ गुस्से से चिल्लाते हुए कहता है।वह चाह कर भी रूहानी की पास बढ़ नही पा रहा था।

     वही प्रीति,विधि ,नित्या रोते हुए रिहांश को रुहानी को छोड़ने के लिए कह रहे थे।लेकिन रिहांश तो होश में ही नही था।उसे इस वक्त अपने बेचैन दिल को रूहानी को गले लग कर जी भर कर चूमते हुए शांत करवाना था।

     

     उसकी तेज चलती सांसों को सिर्फ रुहानी ही शांत कर सकती थी।सारे मेहमान और विशाल की फैमिली बस खड़े खड़े रिहांश और रुहानी को देख रहे थे। क्यों की उन सब की तरफ भी रिहांश के बॉडीगार्ड्स ने गन प्वाइंट किया था।

     

     वही रिहांश,किसी भूखे शेर की तरह रुहानी को चूमे जा रहा था।सब लोग उन्हें ही देख रहे थे।

     

       बहुत सारे लोग होते हुए भी वहा सन्नाटा फसारा हुआ था।अगर वह कोई शोर था तो वह सिर्फ रिहांश की तेज़ चल रही सांसे और उसकी किस की आवाज।

    

   

     रिहांश कभी रूहानी की लेफ्ट साइड गर्दन में चेहरा घुसा कर किस करता तो कभी राइट साइड।रूहानी बस छटपटाते हुए उसे दूर करने की कोशिश कर रही थी।वह रोते हुए उससे कहती है,

       " रिहांश,,, छोड़ो मुझे !!! "

    वही रिहांश,उसके चेहरे को अपने हाथो में भर कर पूरी चेहरे पर बिना रुके तेज़ तेज़ सांस छोड़ते हुए, किस करते हुए उससे कहता है,

      " रूह,तुम मेरी लत हो ,you are my addiction नहीं छोड़ सकता। छोड़ते ही मेरी सांसे तेज़ हो जाती है,मेरा दिल बेचैन हो उठता है, कांपते हुए मेरा बदन पूरे पसीने से लथपथ हो जाता है रूह,i can't leave you। "

      

    रिहांश यह सब बोलते हुए हाफ रहा था।उसका अंदर का आग अभी भी शांत नहीं हुआ था।उसका बदन जो पसीने से भीगा था उससे अब रुहानी भी भीगने लगी थी।

      रिहांश का हाथ रुहानी की बदन में घूम रहा था।और उसके होंठ अब रूहानी की होंठो को पूरी तरह अपने मु में भर लिया था।

    कोन है रिहांश आर्यन ? रिहांश का इस तरह रूहानी की शादी में ऐसा तमाशा करने का क्या वजह है ? जानने के लिए पढ़ते रहिए , " शेड्स ऑफ लत !!! "

     

       

chapter 2

     रघुवंशी निवास,,,,

       रिहांश के आने से वहा सब कुछ शांत हो गया था।अगर वह कोई शोर था तो वह बस रिहांश की किस की आवाज थी।वही रुहानी रोते हुए उसकी बाहों से आजाद होने के लिए तड़प रही थी।लेकिन उसकी आजादी अब शायद ही उसे नसीब होने वाला था।

       रिहांश की धड़कने तेज हो गई थी।वह जैसे जैसे रूहानी को किस कर रहा था वैसे वैसे उसकी बेचैन दिल को सुकून मिल रहा था।उसकी सांसे भी अब नॉर्मल हो रही थी।

       

    जब वह घर में आया था तब उसकी हालत बहुत ही खराब लग रहा था।लेकिन जैसे ही उसने रूहानी को अपने करीब कर उसके ऊपर अपना होंठ चलाने लगा तब जा कर उसकी जलती दिल को टंडक मिल गया था।

      रिहांश का पकड़ रूहानी पर बहुत ही मजबूत था।और वह अभी भी उसके चेहरे पर किस कर रहा था।लेकिन हर बीतते पल के साथ वह थोड़ा शांत हो रहा था।और उसका वाइल्ड किस अब धीरे धीरे सॉफ्ट हो रहा था।

      

       बहुत देर कोशिश करने के बाद भी रिहांश रूहानी को नही छोड़ता तो रुहानी कोशिश करना बंद कर उसके बाहों में खुद को ढीला छोड़ देती है।

       

       वही रिहांश अपने आंखे बंद कर उसे किस कर रहा था।थोड़ी देर बाद वह अपने आंखे खोल कर उसे देखने लगता है।रूहानी रोते हुए उसे ही देख रही थी।

     रिहांश फिर उसकी गाल पर होंठ रख कर उसकी आंसू पीते हुए उससे कहता है,

        " मेरे करीब आ कर तुमने मुझे यह कैसा लत लगा दिया रूह देखो कैसे तुम पर भारी पड़ रहा है। "

     रिहांश की बात सुन कर रुहानी रोते हुए फिर से छटपटाने लगती है।वही रिहांश उसका एक हाथ अपने सीने पर रख कर इधर उधर बेहद हार्शली घुमाते हुए कहता है,

     " देखो तुम्हारे पास आते ही यह कैसा शांत हो गया,जब तुम ,,,,,,,,!!!! "

     

   " छोड़ दो मेरी बेटी को यह क्या बदतमीजी है। " रिहांश की हरकत को देख कर ऋषभ चिल्लाते हुए कहता है तो रिहांश की बात अधूरा ही रह गया।

        अचानक से रिहांश का पकड़ रूहानी पर कस गई। वह कसके अपने आंखे बंद कर बुरी तरह अपनी गर्दन मसलने लगता है।

    वही रिहांश का इस तरह देख कर रुहानी की सांसे अटक गई।वह डरते हुए ऋषभ को देख रही थी।जो इस वक्त रिहांश को गुस्से से देखते हुए फिर से चिल्लाने वाला था।

        रुहानी उन्हें कुछ कहती वह एक और बार गन शूट होने की आवाज आई तो रुहानी चिक पड़ती है। क्यों की इस बार रिहांश ऋषभ की पैर की तरफ शूट किया था।लेकिन उन्हें गोली लगी नही थी।लेकिन रिहांश की इस एक्शन पर वह सुन्न हो कर खड़े थे।

        

       वही रिहांश अपने आंखे खोल कर रुहानी को देखने लगा था।

        वही रुहानी का चेहरा पूरा पसीना पसीना हो गया था।वह हैरानी से ऋषभ को देख रही थी।रिहांश उसका चेहरा कसके पकड़ कर अपने तरफ कर बेहद कोल्ड आवाज में कहता है,

         " मेरे बाहों में हो कर तुम किसी और को क्यों देख रही हो, रूह? "

       रूहानी डरते हुए रिहांश को देखने लगती है।रिहांश का चेहरा हद से ज्यादा डार्क हो गया था।उसकी हरकते इस वक्त किसी संकी इंसान से कम नहीं लग रही थी।

          रिहांश ,रूहानी की चेहरे के बेहद खरीब जा कर उसके चेहरे पर होंठ चलाते हुए बेहद सख्त मगर धीरे से कहता है,

        " जब में बात कर रहा होता हूं ना तब मुझे सिर्फ मेरी ही आवाज सुनना चाहिए लेकिन तुम्हारे बाप,,,,,!!! "

         रिहांश आगे कुछ कहता उससे पहले ही रूहानी रोते हुए उससे कहती है,

     " प्लीज रिहांश,,,,प्लीज मेरे पापा को,,, !!!!"

     

    रिहांश का औरा इस वक्त बेहद सख्त हो गया था।वह बेहद गुस्से से अपनी जलती हुई आंखों से रुहानी को देख रहा था।वही उसका इस तरह देखने से रूहानी की बात उसकी गले में ही अटक गई थी।

     वही रिहांश कसके उसे अपने आप से सटा कर अपने दांत पीसते हुए गुस्से से कहता है,

      " तुमने मेरी बात को बीच में कैसे रोका रूह? में बात कर रहा था न ? "

        रिहांश इस वक्त रूहानी को इतना कसके पकड़ा था की जिससे रूहानी को लग रहा था की आज रिहांश उसकी बदन के सारे हड्डी तोड़ ही देगा।वह रोते हुए धीरे से कहती है,

      " रिहांश,,मुझे दर्द हो रहा है !! "

      

    रूहानी रोने लगी थी।वही उसे रोता देख रिहांश का पकड़ उस पर थोड़ा ढीला हो गया।वही रिहांश ऋषभ को देख बेहद गुस्से से कहता है,

        " रिहांश आर्यन को किसी की भी बात सुनने की आदत नही है मिस्टर ऋषभ रघुवंशी ,इसीलिए कुछ भी कहने का हिम्मत मत करिएगा , क्यों की यह रिहांश बिलकुल बेरहम है जान लेने में देर नहीं करेगा। "

        

       रिहांश की सर्द आवाज उस घर में बेहद खतरनाक तरीके से गूंज रही थी।जिसे सुन सारे लोगो की रोंगटे खड़े हो गए थे।

          वही रिहांश के मु में ' आर्यन ' नाम सुन कर ऋषभ अपने जगह में ही जम गया था।

          

        रिहांश, रुहानी को एक नजर देख कर उस मंडप में बैठे हुए पंडित को देखता है।जो इस वक्त कांप रहा था।वही विशाल और उसकी फैमिली आंखे फाड़ फाड़ कर रिहांश और रूहानी को देख रहे थे।

        रिहांश फिर हल्के से रूहानी को उठा कर,मंडप के तरफ कदम बढ़ा देता है।रूहानी रोते हुए रिहांश को देख रही थी।

    रिहांश का बेहद हैंडसम सा चेहरा इस वक्त उसके सामने बेहद परफेक्ट था।लेकिन वह एक संकी और बेरहम इंसान था।

         रिहांश फिर रुहानी को देखता है जो रोते हुए उसे देख रही थी।उसे अपने तरफ देखता देख रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह हल्के से उसकी होंठो पर किस करते हुए कहता है,

           " तुम्हे इतना खरीब देख कर बहुत सुकून मिल रहा है रूह अब यह सुकून हमेशा मेरे साथ ही रहेगा लत बन कर, क्यों की मेरी लत है तू। "

           

      रूहानी रोते हुए उसे ही देखने लगी।उसकी बात सुन कर वह हल्के से कांप रही थी।वह फिर प्रीति , ऋषभ, नित्या और विधि को देखती है।सब डरते हुए, रोते हुए, उसे ही लाचारी में देख रहे थे।

       रिहांश मंडप में जा कर रूहानी को धीरे से नीचे उतार कर उसके गाल पर धीरे से किस करते हुए कहता है,

        " बस दो मिनट,,!! "

        

    रुहानी डरते हुए उसे ही देख रही थी।वह अभी भी सिसक कर रो रही थी।वही रिहांश,पंडित की तरफ देख कर बेहद सख्त आवाज में कुछ कहने को हुआ की तभी विशाल डरते हुए उससे कहता है,

    " प्लीज मुझे कुछ मत करो ,में यह शादी नही कर रहा हु,रूहानी से तुम ही शादी करलो, मैं,,,,,!!! "

    

   विशाल डरते हुए अपना सेहरा उतारा कर मंडप से नीचे उतरने लगा।उसे उसकी जान प्यारी थी। अगर उसकी जान बचती तो वह रूहानी जैसे हजारों मिलते उसमे से वह किसी एक से शादी कर लेता।

          वही उसकी बात सुन कर रिहांश मुड़ कर रूहानी को देखता है।जो विशाल को देख रही थी।रिहांश रूहानी की गाल पर गन रख कर उसका चेहरा अपने तरफ कर उससे कहता है,

     "रूह,,,!! तुम इस डरपोक से शादी कर रही थी ? "

     

         रूहानी अपने पलके नीचे झुका लेती है।उसकी आंसू उसके गाल तक आ कर नीचे गिरने लगे थे।वही रिहांश पूरे मंडप को ध्यान से देखता है।डेकोरेशन बेहद यूनिक टाइप से किया गया था।

    रिहांश फिर रूहानी के पास जा कर उसके गाल पर हाथ रख कर सहलाते हुए कहता है,

    " इसी मंडप में , मैं तुमसे शादी करता रूह लेकिन,तुम तो मेरी लत हो तो मैं तुमसे शादी कर कैसे दूसरा नाम देता।"

    रिहांश को रूहानी से शादी करने का।कोई इरादा नहीं था।वह उसे सिर्फ अपना लत मानता था।

        रिहांश की बात सुन कर रुहानी रिहांश को ही देखने लगती है।वही रिहांश फिर बड़े ही बोरियत से रूहानी से कहता है,

        " अब चले ? "

           रूहानी रोते हुए अपना गर्दन ना में हिलाते हुए अपने कदम पीछे लेने लगती है।तो रिहांश का औरा सक्त हो गया।वह गुस्से से अपना माथा रब करते हुए उससे कहता है,

      " अब तुम करीब आ रही हो या में किसी एक का यह लाश गिरा दू ? "

       

         रिहांश बेहद पागलों की तरह अपने गन को घुमाने लगता है।वही उसकी बात सुन कर रूहानी की कदम वही रुक गई थी।रिहांश उसे अपने करीब ना आता देख , ऋषभ को देखने लगता है।फिर प्रीति,नित्या और विधि को,उसे इस तरह अपने परिवार को देखता देख रुहानी को डर लगने लगा।

      वही रिहांश,वापस ऋषभ के तरफ गन प्वाइंट करते हुए रूहानी से कहता है,

      " ठीक है तुम मत आओ,में यह तुम्हारा बाप का ही लाश गिरा देता हु। "

      

        रिहांश बिना देरी किए ही ट्रिगर दबाने लगा तो रुहानी उसके पास आ कर रोते हुए कहती है,

         " प्लीज रिहांश,ऐसा मत करो देखो में आपके करीब ही हु प्लीज मत करो ऐसा। "

      रूहानी यह बोलते हुए डरते हुए उसके गले लग जाती है।वही उसका इस तरह गले लगने से रिहांश की आंखे कसके बंद हो गई।वह फिर रूहानी को थोड़ा अलग कर उसे देखते हुए कहता है,

       " You are too late रूह!! "

       

    रुहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।वह रिहांश के हाथ में पकड़े हुए गन को देखती है।अभी भी उसका निशान ऋषभ पर ही था।

     वही ऋषभ,प्रीति विधि नित्या का हालत खड़े खड़े ही खराब हो रहा था। रुहानी कसके रिहांश के हाथ से गन छीन कर अपने सर पर प्वाइंट कर देती है।

     

     " रुहानी,,,,,!! " रूहानी की इस एक्शन पर रिहांश को छोड़ कर सब हड़बड़ा गए थे। ऋषभ,प्रीति,विधि सब उसके नाम लेते हुए चिल्लाते है।

     वही रिहांश बिना भाव के ही रूहानी को देख रहा था।वही रूहानी बोली,

        " मुझे नहीं आना है तुम्हारे पास तुम्हारे जैसे संकी  इंसान के साथ मेरा दम घुटता है मैने बस उस दिन तुम्हे,,,,,!!! "

          रुहानी आगे कुछ कहती उससे पहले ही रिहांश टेढ़ी स्माइल करते हुए अपने बियर्ड पर हाथ फेरते हुए उसे देखने लगा तो रूहानी अपनी बात बीच में रोक कर उसे ही देखने लगती है।उसकी हाथ अभी भी गन पर कस गई थी।

          

     " दीदू,,,,,,,!!!!  " तभी विधि और नित्या की रोने की आवाज सुनाई दी तो रूहानी मुड़ कर उन दोनो के तरफ देखने लगती है।

        विधि और नित्या,दोनो को रिहांश की एक एक बॉडीगार्ड पकड़ कर उनके सर पर गन थान दिया था। उन दोनो को देख रूहानी की सांसे ही अटक गई।वह फिर मुड़ती उससे पहले ही रिहांश पीछे से कसके उसे अपने बाहों में भर लेता है।तो रूहानी की हाथ से गन नीचे गिर जाता है।

        

   वही रिहांश,अपना नाक उसके गर्दन में रब करते हुए धीरे से मगर बेहद सर्द आवाज में कहता है,

       " रूह ,अब में इस ड्रामा से थक गया हु अब चले। "

       

          रिहांश की बात सुन कर और उसकी हरकत सुन कर रूहानी सुन्न हो गई थी।वह रोते हुए ऋषभ को देखने लगती है। ऋषभ इस वक्त लाचार महसूस कर रहा था।

          

          रूहानी उसके बाहों में से छटपटा कर उतरने की कोशिश करने लगी तो रिहांश गुस्से से उसे घूरते हुए कहता है,

       " क्या में सब के लाशे गिरा कर ही तुम्हे ले जावू,यही चाहती हो तुम ? "

      रूहानी रोते हुए अपना सर ना में हिलाती है।तो रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह झुक कर उसके गाल पर किस कर कहता है,

       " Good,,!! "

     रिहांश रूहानी को ले कर घर के बाहर चला जाता है।वही उसके जाते ही रिहांश की बॉडीगार्ड भी बाहर चले जाते है।

    सारे मेहमान कब से अपना जान हाथ में पकड़ कर खड़े थे।रिहांश की बॉडीगार्ड्स जाते ही सारे बाते बनाते हुए जाने लगे।

     क्या होगा इस कहानी में आगे ? आर्यन नाम सुन कर ऋषभ सुन्न क्यों हो गए ? 

     रूहानी रिहांश की लत कैसे बन गई ? 

         रिहांश का पागलपन की वजह क्या है ? 

      जानने के लिए पढ़ते रहिए 

         " लत है तू। "

         

        

       

     

            

      

       

    

     

     

 

   

chapter 3

      कार में ,,,

    रिहांश रुहानी को कार में बैठा कर खुद उसके बाजू में आ कर बैठ गया।वही रुहानी रोते हुए अपने घर की तरफ देख रही थी।

       उसे ऐसे देख रिहांश एक नजर रूहानी के घर को देख कर,,कार की विंडोज को ब्लैक कर रूहानी को देखते हुए ड्राइवर को सक्त आवाज में कहता है,

        " आर्यन मेंशन चलो। "

      रिहांश का इतना सख्त आवाज सुन कर रूह थोड़ा सहम गई।वह थोड़ा डरते हुए पीछे सरकने लगी वही रिहांश की नजर कबसे उस पर ही टिकी थी।उसे इस तरह पीछे सरकता देख रिहांश की हाथो की मुट्ठी बन गई।वह बुरी तरह उसे घूरते हुए बेहद सर्द आवाज में कहा,

      " रूह,!! "

      

           रूहानी उसे ही देख रही थी।उसकी बस नाम लेते ही उस लड़की की अंदर डर का लहर उठ चुका था।वह लाचारी में उसे देखने लगती है तो रिहांश का ओरा और सक्त हो गया।

           

    वही उसका गुस्सा बढ़ता देख रुह ज्यादा देर न करते हुए ,उसके करीब सरक कर बैठ जाती है,तो रिहांश उसे ही देखने लगता है।वह फिर एक ही झटके में उसे अपने गोद में बैठा कर उसे ही बेहद जुनुनियत से देखने लगता है।

    

     वही रूह को बहुत ही अनकंपरेटल फील हो रहा था।वह उसके गोद में से कसमसाते हुए उठने लगी तो रिहांश उसके चेहरा पकड़ कर अपने चेहरे के बेहद करीब ला कर उसकी आंखो में देखते हुए कहता है,

       " तुम क्यों मुझसे दूर भाग रही हो रूह,तुम जानती हो न यह मुमकिन नही है तो तुम कोशिश क्यों करती हो ? "

       

     रूहानी की आंखे नम थे।उसकी बात सुनते ही उसकी आंसू बह कर उसके गाल तक आ गए थे।वही रिहांश उसके खुशबू को बेहद पागलों की तरह स्निफ कर रहा था।

         उसकी इस हरकत से रुह हल्के से कांप भी रही थी।वह हकलाते हुए उससे कहती है,

         " रिहांश मुझे डर लग रहा है !! "

     रिहांश की हर एक एक्शन पागल जैसा था। या यूं कहे की वह पागल ही था और यह बात रुहानी से ज्यादा शायद ही कोई अच्छे से जानता हो।

     

      रुहानी एक फेमस सैकियाट्रिस्ट थी।और उसका यह जॉब ही उसे आज रिहांश की कैद में डाला दिया था।उसका लत बन गई थी।

        रूह की बात सुन कर रिहांश की चेहरे पर तिरछी स्माइल आई।वह धीरे से उसके चेहरे पर अपना होंठ चलाते हुए उसे कसके अपने आप से सटा कर,धीरे से बुदबुदाते हुए कहता है,

         " रिहांश आर्यन की बाहों में हो कर तुम्हे डर लग रहा है बहुत ही गलत बात है रूह। "

     रिहांश की बात सुन कर रूह डरते हुए उससे कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश उसकी होंठ पर हाथ रख कर उसके आंखों में देखते हुए कहता है,

     " शशशश,i am too tired रूह, मुझे थोड़ा रिलेक्स करना है। "

     

     रूहानी चुप हो जाती है। उस पागल इंसान ने उसे और कोई ऑप्शन ही नही दिया था।वही रिहांश उसके होंठ में ही अपना फिंगर चलाते हुए उसे देखने लगता है।

    रुहानी की आंखे अभी भी नम थे।वही रिहांश धीरे से उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर अपने आंखे बंद कर  देता है।

     उसका एक हाथ अभी भी रूहानी की बदन में चल रही थी।वही रिहांश को बेहद सुकून महसूस हो रहा था।

     

         वही रुहानी कसके अपने आंखे बंद कर अपने मन में कहती है,

     " कितनी सारे अरमानों के साथ इस शहर में सैकियाट्रिस्ट बन कर आई थी लेकिन सपने में भी नही सोचा था कि मैं अपने ही एक पेशेंट की लत बन जाऊंगी। "

         रूहानी की आंखो से आंसू उसके गाल से हो कर गिर  रहे थे।वही रिहांश,बेहद सुकून से उसे अपने बाहों में झकड़ कर बैठा था।

      रूहानी को खरीब देख कर उसके दिल झूम उठा था।वह इस वक्त ऐसे खुश लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी मनपसंद की चीज मिला हो और वह उससे बेहद खुश हुआ हो।

          थोड़ी ही देर में रिहांश का कार आ कर आर्यन मेंशन के सामने रुक जाती है।वही रिहांश अभी भी रुहानी की गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर बैठा था।

     ड्राइवर रिहांश से कहता है,

       " बॉस हम मेंशन पहुंच गए। 

     रिहांश अपना चेहरा ऊपर कर , रुहानी को देखने लगता है।रूहानी चुपचाप उसके बाहों में सिमट कर बैठी हुई थी। वह हिल भी नहीं रही थी।

      रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसके माथे पर होंठ रखते हुए कहता है,

      " अब तुम हर पल मेरे साथ ही रहोगी समझी। "

  रूहानी का गला भर गया था।वह रूंधलि सी आवाज में कहती है,

     " रिहांश मुझे छोड़ दो मुझे मम्मा के पास,,,,,,,!!! "

    रूहानी जैसे जैसे बात कर रही थी वैसे वैसे रिहांश का औरा सक्त हो रहा था।वह बेहद गुस्से से उसे देखने लगता है तो रुहानी की आगे की बात उसकी गले में ही अटक गए।

    

        रिहांश उससे बेहद सर्द आवाज में कहता है,

           " तुम्हे पता है मैं तुम्हे नही छोड़ सकता फिर भी तुम बार बार एक ही बात क्यों बोल रही हो,its so irritating ruh। "

     रिहांश उसकी बात से चीड़ चुका था।वही रूहानी अपने पलके नीचे कर सिसक सिसक कर रोने लगती है।तो रिहांश उसे ही गुस्से से देखने लगता है।

    थोड़ी देर रिहांश बिना कुछ कहे रूहानी को बस रोते हुए देख रहा था।रिहांश फिर उसकी टुडी को पकड़ कर उसकी आंखो में देखते हुए कहता है,

    " हो गया ? "

    

        उसकी बात सुन कर रूहानी उसे ही रोते हुए देखने लगती है।वही रिहांश उसके आंसू पोंछ कर उसे अपने गोद में ले कर ही कार से बाहर आ जाता है।

        

     रुहानी उस मेंशन को ही देख रही थी।तभी रिहांश थोड़ा झुक कर उसके कान में धीरे से कहता है,

        "  तुम्हे कुछ याद आया !!! "

        

       रूहानी फिर रिहांश को देखने लगती है।फिर वह उससे नजरे हटा कर उस आलीशान घर को देखते हुए अपने मन में कहती है,

     " इस घर को मैं कैसे भुल सकती हू रिहांश,मेरी पहली मुलाकात तुमसे आखिर इसी घर में ही तो हुआ था। "

     

         " यह घर मेरे लिए बेहद खास है रूह, क्यों की पहली बार तुम यही इस रिहांश की नजरो में आई थी।" रिहांश बेहद जुनुनियत और पागलों की तरह आर्यन मेंशन को देखते हुए कहता है।

         

     वही रूहानी उस दिन को बेहद नफरत से याद कर रही थी।काश उस दिन यह वो आई ही ना होती तो आज वह इस तरह रोते हुए रिहांश के कब्जे में ना आती।

     

      वही रिहांश उसकी आंखों में देखते हुए उसे ले कर अंदर चला जाता है।

      

    आर्यन मेंशन,,,,

       रिहांश का पूरा परिवार इसी मेंशन में रहता था।और इस वक्त कोई नजर नहीं आ रहा था क्यों की रात के दो बज गए थे जिस वजह से सारे लोग सो गए थे।

     रिहांश रूहानी को ले कर अपने रूम के तरफ ले जाने लगा तो उसके सामने एक मिडिल एज की औरत आ कर खड़ी हो जाती है।

   

          वही उस औरत को देख कर रिहांश अपने जगह में ही रुक गया।वह एक टक सामने खड़ी उस औरत को देखने लगता है।वही रुहानी भी उस औरत को ही देख रही थी लेकिन रुहानी उसे आस भरी नजरो से देख रही थी।जैसे चाह रही हो की वह उस पागल इंसान से बचाले।

     दूसरी तरफ,,,

         रघुवंशी निवास ,,सब कुछ यह का माहोल रिहांश के वजह से शांत हो गया था।वही ऋषभ इस वक्त एक चेयर पर सुन्न हो कर बैठे हुए थे।उनके कान में रुहानी कि रोने की आवाज से ज्यादा रिहांश आर्यन का नाम गुंज रहा था।

         ऋषभ अपने मन में कुछ सोचते हुए  कहता है,

            " रिहांश वही लड़का तो नही है ? नहीं नहीं ये कैसा हो सकता है,में ही ज्यादा सोच रहा हु। "

          

      वही प्रीति रोते हुए ऋषभ के पास आ कर कहती है,

          " ऋषभ जी,वह लड़का कोन है? अब हम रूहानी को कैसे उससे बचाए। "

       विधि और नित्या भी रो रहे थे।वही ऋषभ तो कही घूम सा हो गए थे।

     आर्यन मेंशन,,,

      रूहानी सामने खड़ी औरत को देख कर ,रिहांश की बाहों में से उतरने कसमसाते हुए कहती है,

       " आंटी प्लीज मुझे आपके बेटे से बचालो,प्लीज आंटी। "

    वह औरत रिहांश की मां अंकिता आर्यन थी। रूह की बात सुन कर अंकिता रिहांश को देखने लगती है।रिहांश को रूहानी की बात से गुस्सा आ रहा था और वह उसे गुस्से से ही देख रहा था।

     अंकिता फिर रुहानी की गाल पर हाथ रख कर उससे प्यार से कहती है,

     " बेटा,,तुम्हे रिहांश के पास रह कर उसे पूरी तरह ठीक करना है ,तुम्हारे बिना मेरा बेटा बेचैन हो कर तड़पने लगता है,तुम्हे हर पल उसके पास ही रहना है। "

        रूह को उनकी बात सुन कर बहुत बुरा लग रह था।उसके सामने खड़ी औरत को सिर्फ अपने बेटे की दर्द दिखाई दे रहा था।वही रिहांश की चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह रूहानी को देख कहता है,

         " कर लिया कोशिश,मुझसे बचने का अब चले ? "

  रुहानी को अपने जिंदगी को बरबाद होते हुए नजर आ रहा था।और अब तक रिहांश ने कर भी दिया था।वह रोते हुए रिहांश और अंकिता दोनो को मिला कर ही कहती है,

      " सही कहते है यह लोग अमीर घरों की लोग बड़े ही कुदगर्ज होते है,उन्हें सिर्फ अपनी खुशी से मतलब होती है। "

        रुहानी की बात सुन कर रिहांश का चेहरा सक्त हुआ और उसकी पकड़ भी उससे कस गई।वही अंकिता ,उसके थोड़ा नजदीक आ कर उससे कहती है,

        " अगर मेरा बेटा तुम्हारे साथ खुश है तो हम है कुदगर्ज रूहानी। "

         रुहानी बस उनके आंखो में देख रही थी।वही रिहांश उन्हे एक नजर देख कर रूह को ले अपने रूम के तरफ जाने लगा।

    वही अंकिता , उन दोनो को जाते हुए देख रही थी।वह फिर बोली, " i am sorry रुहानी,मेरे बेटे को तुम्हे ही ठीक करना होगा और वह तभी पॉसिबल होगा जब तुम उसके साथ ही हर पल रहोगी। "

    वही रिहांश का रूम,,रिहांश रुहानी को बेड पर गिरा कर उसे ही घूर कर देख रहा था।

       रुहानी रोते हुए उससे कहती है,

        " रिहांश,,प्लीज मुझे छोड़ दो,,,,,,,!!!! "

   " छोड़ दो, छोड़ दो, छोड़ दो,कितनी बार कहूं की में तुम्हे नही छोड़ सकता। " रुहानी रोते हुए अभी कह ही रही थी की तभी रिहांश,रूम के सारे चीज़े गुस्से से नीचे फेंकते हुए कहता है तो रुहानी की बात उसकी गले में ही अटक गई।

      वही रिहांश,गुस्से से रूहानी के तरफ बढ़ने लगा तो रुहानी डरते हुए पीछे हटने लगी।रिहांश झट से अपना शर्ट को फाड़ कर रुहानी की बेहद करीब आ जाता है।

   रुहानी रो रही थी।और उसकी इन पागलों वाली हरकत देख कर वह डर से कांप रही थी।वह पीछे पीछे जाते जाते हेड्रेस्ट को लग चुकी थी।

       वही रिहांश उसके बेहद करीब आ चुका था।रिहांश की गुस्से से चल रही तेज सांसे रूहानी अपनी चेहरे पर महसूस कर रही थी।

      वह रोते हुए ही उसे खुद से दूर करने लगती है।तो रिहांश उसे कसके अपने आप से सटा कर उसकी आंखो में देखते हुए बेहद सर्द आवाज में कहता है,

      " मुझसे दूर जाने की बात दुबारा की न करो रुह,अंजाम तुम्हारे लिए बहुत ही भयानक होगा ,तुम बिलकुल सेहन नही कर पावोगी,इसीलिए पहले ही वार्न दे रहा हु। "

    रिहांश की आवाज ज्यादा डरवानी लग रही थी।वही रुहानी रोते हुए उसे ही देख हकलाते हुए कहती है,

     " तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो रिहांश , क्यों मुझे अअह्ह्ह्ह्ह? "

     रूहानी आगे कुछ कहती उससे पहले ही उसे दर्द महसूस हुआ तो उसकी मू से चिक निकल गई। क्यों की रिहांश की पकड़ उसकी कमर में इस कदर कस गई थी की रूहानी को हद से ज्यादा दर्द हो रहा था।

     

      " अअह्ह्ह्ह्ह,रिहांश,इतना दर्द मुझसे सहन नही हो रहा है तुम मुझे एक ही बार मार दो ना !!! " रूहानी उससे छुटने की ना काम कोशिश करते हुए कहती है तो रिहांश की आंखे कसके बंद हो गई।

      रूहानी की एक एक बात भी रिहांश को हद से ज्यादा गुस्सा दिला रही थी।वह झट से उसे छोड़ कर गुस्से से घूरने लगता है।

     वही उसका इस तरह छोड़ने से रूहानी बेड में ही गिर गई थी।रिहांश उसके ऊपर आ कर उसकी आंखो में देखते हुए बेहद सर्द आवाज में कहता है,

       " तुम मेरी लत बन गई हो रूह,अगर मैने तुम्हे मार डाला तो में खुद मर जावूंगा,तड़प तड़प कर मेरी सांसे रुकने लगेंगे,जब तक मेरी लत जिंदा है तब तक मेरी इन बाहों में ही तुम्हे रहना होगा। "

          रिहांश इतना बोलते हुए रुहानी की गाल पर बेहद सॉफ्टली किस करने लगता है।वही रूहानी रोते हुए सिहर रही थी। क्यों की रिहांश की एक एक टच भी बेहद सेंसेबल था।

       रिहांश उसके गाल पर हाथ रख कर उसके माथे पर किस कर कहता है,

       " मुझे गुस्सा मत दिलावो रूह, मैं तुम्हे हर्ट करने लग जाता हु। "

      रूहानी उसके और बेड के बीच में बेजान सी पड़ी थी।उसकी आंखों से अभी भी आंसू गिर रहे थे। रिहांश की आंखो मे उसे आज अलग नशा ही नजर आ रहा था।

      वही रिहांश की होंठ अब उसके चेहरे पर चलने लगी थी। रिहांश धीरे से उसके दोनो हाथो में अपना हाथ फसा कर बेहद मैग्नेटिक आवाज में कहता है,

       " Close you eyes रूह। "

         रुहानी रोते हुए ही उसके बाहों में छटपटा रही थी।उसकी बात सुन का वह रोते हुए कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश उसकी होंठो को अपने होंठो से ही रब करते हुए कहता है,

     " नहीं रूह अब कुछ मत बोलना ,just feel me। "

        ना चाहते हुए भी रूहानी की धड़कने तेज हो गई थी।तेज तेज सांसे लेते हुए वो कसमसा रही थी।

        रुहानी और रिहांश की कैसे मुलाकात हुई थी? ऋषभ किस लड़के के बारे में सोच रहे है ? रिहांश को ठीक करना है ,क्या हुआ है रिहांश को ? 

          क्या है इस कहानी का राज ? कैसे रुहानी रिहांश की पागलपन से  बच पाएगी ? 

    जानने के लिए पढ़ते रहिए ,

       " लत है तू। "

 

      

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