पहला प्यार
June 2018
खुशी अपने बेड पर लेटे अपना फोन चला रही थी तभी उसने पूछा कि चुना मैसेंजर पर किसी फ्रेंड से बात कर लिया जाए उसे 19 साल की लड़की है जो अपने छोटे से परिवार के साथ एक छोटे शहर में रहती है
...खुशी बहुत ही प्यारी और समझदार लड़की है 3 साल पहले उसके साथ जो हादसा हुआ था वह उससे थोड़ा-थोड़ा उभर रही थी पर खुशी को क्या पता था उसकी जिंदगी एक नई मोड़ लेने वाली है उसने मैसेंजर पर सोचा किसी से बात किया जाए उसने एक फेसबुक फ्रेंड को मैसेज किया उन दोनों की बात होने लगी खुशी उससे ना चाहते हुए भी अट्रैक्ट होने लगी|...
खुशी को उससे बात करना बहुत अच्छा लग रहा था मानो कई वर्षों बाद वो खुलकर बात कर रही थी किसी इंसान से|
देखते हैं क्या मोर लाती है खुशी की जिंदगी में यह दोस्ती|
खुशी को समझ नहीं आ रहा था कि वह इस इंसान से इतना अच्छे से बात कैसे कर रही है वैसे तो खुशी को लड़कों से सख्त नफरत थी पर इस लड़की में कुछ अलग ही बात थी|
खुशी ने उससे कहा "क्या तुम व्हाट्सएप यूज करते हो" उस इंसान ने खुशी को व्हाट्सएप पर मैसेज कर दिया अपना नंबर दे दिया खुशी ने कहा" मैंने तुमसे नंबर कब मांगा" पर सच तो या था की खुशी को भी उसका नंबर चाहिए था| उन दोनों के बीच हमेशा बात होने लगी कभी व्हाट्सएप पर कभी मैसेंजर पर हर जगह खुशी हमेशा उसके ऑनलाइन आने का इंतजार करती थी उसे बहुत मैसेज करती थी वह देखती जब भी सिद्धार्थ (जोकि उस लड़के का नाम था) ऑनलाइन आता खुशी उससे मैसेज करती|
सिद्धार्थ से बात करना खुशी की आदत बन चुकी थी और उसे लगने लगा वह सिद्धार्थ से प्यार करती हैं|
अगस्त का महीना आ चुका था खुशी अपने दिल की बात सिद्धार्थ से कहने वाली थी पर कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे बात करें उसने सोचा सिद्धार्थ मेरा प्रपोजल ठुकरा ना दे|
खुशी के मन में बहुत सारे सवाल आने लगे पर उसने हिम्मत करके सिद्धार्थ को मैसेज किया" तुम ऑनलाइन आओ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है" थोड़ी देर बाद खुशी को एक अननोन नंबर से कॉल आया खुशी में कॉल रिसीव किया और पूछा कौन तो सामने से सिद्धार्थ ने जवाब दिया मैं बोल रहा हूं बताओ क्या काम है खुशी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह बहुत डर रही थी उसने सिद्धार्थ से कहा" तुम ऑनलाइन आओ फिर मैं तुमसे बात करती हूं|"
सिद्धार्थ ऑनलाइन आते हैं खुशी उसे व्हाट्सएप पर मैसेज करके बोलती है मैं तुम्हें लाइक करती हूं खुशी ने कभी नहीं सोचा था की सिद्धार्थ उसका दिल तोड़ देगा सिद्धार्थ ने कहा मैं तुम्हें बेस्ट फ्रेंड बना सकता हूं पर गर्लफ्रेंड नहीं खुशी को समझ नहीं आया कि वह क्या बोले उसने ओके बोल कर फोन ऑफ कर दिया वह बहुत डर गई थी और लगातार रोए जा रही थी उसने कभी नहीं सोचा था कि उसका पहला प्यार उसको कभी नहीं मिलेगा वह हमेशा दूसरों से बोलती थी कि तुम लोगों को प्यार कैसे हो जाता है छोड़ो एक को कोई ना कोई लाइफ में अच्छा आ ही जाएगा आज उससे समझ आ रहा हैं कि प्यार का दर्द कैसा होता है|
शाम को?
सिद्धार्थ खुशी को मैसेज करता है और सॉरी बोलता है और कहता है कि ऐसे ही किसी भी लड़के को अपने दिल की बात नहीं बतानी चाहिए| क्योंकि बहुत लड़के सिर्फ फायदा उठाने वालों में से होते हैं|
खुशी ने जब सिद्धार्थ से अपने प्यार का इजहार किया तब उसे सिद्धार्थ से प्यार नहीं था पर अब सिद्धार्थ की बातें सुनकर उसे सिद्धार्थ से बेपनाह इश्क हो गया|
चलिए देखते हैं यह इश्क मुकम्मल है या नहीं|
खुशी हर दिन सिद्धार्थ को गुड नाईट गुड मॉर्निंग का मैसेज करने लगी हमेशा उससे बात करने लगी पर एक दिन सिद्धार्थ ने खुशी से कहा कि तुम थोड़ा कम मैसेज किया करो जब भी ऑनलाइन आता हूं सिर्फ तुम्हारे ही मैसेज मिलता है..|
खुशी को बहुत हर्ट हुआ उसने सोचा अब जब तक सिद्धार्थ मुझे मैसेज नहीं करेगा तब तक मैं उसे मैसेज नहीं करूंगी अगला दिन.....
सिद्धार्थ ने सामने से खुशी को गुड मॉर्निंग का मैसेज किया
खुशी को बहुत अच्छा लगा..
सिद्धार्थ ने कहा की उसके फ्रेंड ने कहा की तुम्हारी इतनी अच्छी अच्छी फ्रेंड है फिर भी तुम इस लड़की से क्यों बात करते हो
खुशी ने उसके फ्रेंड से बात की उसकी फ्रेंड ने बहुत बेकार लैंग्वेज को यूज किया खुशी रोने लगी फिल्म खुशी के एक फ्रेंड ने उसे अच्छे से सुनाया...
बातें खत्म नहीं हुई स्टोरी और भी आगे है....
खुशी ने अपनी एक दोस्त जोकि सिद्धार्थ की भी दोस्त थी उससे सिद्धार्थ को उसकी खुशी के बारे में पूछने के लिए कहा उसने जब सिद्धार्थ को खुशी के बारे पूछा तो सिद्धार्थ ने कहा कि वह मेरी टाइप की नहीं है खुशी को बहुत हर्ट हुआ.... खुशी बच्चों की तरह हरकतें करती थी एक ही पल में खुशी का दिल टूट गया
ऐसा नहीं था कि खुशी सुंदर नहीं थी बस वह दूसरों की तरह ध्वनि करती थी लड़कों के साथ शायद यही उसकी गलती थी|
ऐसी बहुत सी बातें पता चली और बार-बार उसका दिल टूटता गया|
फिर एक वक्त आया जब उसने हार मान ली और उससे प्यार के नाम से नफरत हो गई
उस बात को 3 साल बीत चुके हैं और खुशी अकेली है उसने किसी को भी अपनी जिंदगी में आने की इजाजत नहीं दी क्योंकि उस प्यार में उसे बहुत दर्द मिला...
इसी बीच किसी ने उसका फेसबुक में फेक अकाउंट भी ओपन किया था वह बहुत डर गई थी उसके पास खुदकुशी करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा था पर सब कुछ ठीक हो गया वह फेक अकाउंट बंद हो गया...|
आज खुशी को किसी की परवाह नहीं सिद्धार्थ की भी नहीं वह सिद्धार्थ से बात नहीं करती कभी-कभी चार-पांच महीने में एक बार बात हो जाती है वह भी सिर्फ पांच 10 मिनट के लिए खुशी ने अपना दिल मजबूत कर लिया अब उसे सिद्धार्थ को किसी भी लड़की के साथ देखने पर दर्द नहीं होता|
एक प्यारी सी लड़की जो जीना चाहती थी उसकी पूरी जिंदगी बदल गई आज वह सिर्फ अपने सपनों के लिए जीती है|
जब भी आज खुशी अपने बीते वक्त को याद करती है तो उसे हंसी आती है उसे यकीन नहीं होता की वह ऐसे इंसान पर अपना वक्त जाया कर रही थी जो उसका कभी था ही नहीं....|
सब कुछ छोड़ कर वह आगे तो बढ़ चुकी थी
लेकिन इन 3 सालों में उसने बहुत कुछ सहा था इन 3 सालों के बीच वह दो लड़कों से मिली वह दोनों भी फायदा उठाने वालों मैं से थे
बेचारी खुशी हर मोड़ पर उसे सिर्फ धोखा देने वाले ही मिल रहे थे पर इन 3 सालों में वह एक ऐसी दोस्त से मिली जिसकी उसे हमेशा से तलाश थी वह एकमात्र ऐसी दोस्ती थी जो खुशी का ख्याल रखती थी उससे बातें करती थी उससे प्यार भी करती थी उसके खाना ना खाने पर गुस्सा भी होती थी खुशी को दोस्ती का असली मतलब साइना से मिलने के बाद ही हुई साइना एक बहुत अच्छी लड़की है खुशी उससे बहुत प्यार करती है वह हमेशा चाहती है साइना उसके साथ रहे...|
खुशी की जिंदगी में आगे क्या मोड़ आने वाले हैं यह खुशी खुद भी नहीं जानती खुशी की एक ही विष है कि सिद्धार्थ भी उसे दर्द से गुजरे जिस दर्द से खुशी गुजर रही है वह चाहती है कि सिद्धार्थ को भी उससे प्यार हो और वह सिद्धार्थ का दिल तोड़ कर चली जाए...|
दोस्तों मैंने जो आपको खुशी और सिद्धार्थ की स्टोरी सुनाई वह कोई स्टोरी नहीं है एक लड़की की असल जिंदगी की कहानी है एक ऐसी लड़की जिसे प्यार तो होता है परंतु उसका प्यार मुकम्मल नहीं होता मैंने कहानी में नाम चेंज कर दिए है वह लड़की और लड़का कौन है यह तो मैं आपको नहीं बता सकती लेकिन वह लड़की उस लड़के से सच्चे दिल से प्यार करती थी यह सब सच है...|
बहुत दर्द भरी कहानी थी उस लड़की की हम कभी इमेजिन भी नहीं कर सकती देखते हैं उस लड़की की जिंदगी उसे कहां लेकर जाती है
दोस्तों यहां मेरा पहला नोबेल है जो मैंने खुद से लिखा है इस स्टोरी को बहुत पसंद कीजिएगा क्योंकि मैंने यह स्टोरी दिल से लिखा है आज ही उनकी जिनकी क्या मोड लाएगी मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगी और दुआ कीजिएगा की खुशी के जिंदगी में एक ऐसे इंसान आए जो उसे दिल से प्यार करता होगा धन्यवाद....|
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